लोगों की राय

बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञान

बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2721
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञान - सरब प्रश्नोत्तर

प्रश्न- बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण का सविस्तार वर्णन कीजिए।

अथवा
बुद्धि के स्टेनफोर्ड बिन परीक्षण की व्याख्या कीजिए।
अथवा
स्टैनफोर्ड बिने परीक्षण में हुए संशोधन की व्याख्या करते हुए उनके गुण-दोषों की भी विवेचना कीजिए।

सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. स्टैनफोर्ड बिने बुद्धि परीक्षण क्या है?
2. स्टैनफोर्ड बिने मापनी की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
3. स्टैनफोर्ड बिने मापनी का मूल्यांकन कीजिए।

उत्तर -

मनुष्य आज श्रेष्ठतम प्राणी बुद्धि के कारण ही समझा जाता है। बुद्धि एक परिकल्पनात्मक (Hypothetical) शक्ति है। बुद्धि का व्यक्ति बहुधा उपयोग विभिन्न समस्याओं को समझने और उनका अधिगम करने में तो करता ही है, परन्तु बुद्धि का उपयोग व्यक्ति अपने दैनिक जीवन की छोटी-छोटी बातों से लेकर बड़ी-बड़ी बातों को समझने और उनके प्रति अनुक्रिया करने में भी करता है बुद्धि के अर्थ और स्वरूप के सम्बन्ध में मनोवैज्ञानिकों में एक मत नहीं है, विभिन्न मनोवैज्ञानिकों ने इसे अलग-अलग ढंग से परिभाषित किया है। उनमें से कुछ प्रमुख परिभाषायें निम्न हैं-

"नई परिस्थितियों में समायोजन की योग्यता ही बुद्धि है" - स्टर्न 1914

"Intelligence is the ability to adjust oneself to a new situations." - William Stern, 1914

"अमूर्त चिन्तन की योग्यता ही बुद्धि है।" - टरमन 1921

"Intelligence is the ability to think abstractly." - Terman, 1921

"बुद्धि उन समस्याओं को हल करने की योग्यता है जिनमें ज्ञान और प्रतीक के उपयोग की

आवश्यकता होती है जैसे शब्द, अंक, रेखाचित्र समीकरण, सूत्र आदि " - गैरेट (1946)

"The abilities demanded in the solution of problems which require the comprehension and use of symobs. i.e. words, numbers, diagrams, equations, formulae." - Garrett, 1946

उपर्युक्त परिभाषाओं के आधार पर कहा जा सकता है कि बुद्धि एक प्रकार की योग्यता तथा योग्यताओं का संयोगीकरण है जिससे व्यक्ति विवेकशील तथा अमूर्त चिन्तन कर सकता है, ध्येयपूर्ण क्रियायें कर सकता है, ज्ञान और संकेतों से युक्त अधिगम कर सकता है यही कारण है कि मनोविज्ञान विषय को लोकप्रिय बनाने में बुद्धि सम्बन्धी अध्ययनों का योगदान बहुत अधिक रहा है फिर भी इसके स्वरूप के सम्बन्ध में आज भी मनोवैज्ञानिकों में मतैक्य नहीं है। इसलिए कहा जाता है कि बुद्धि वह है, जो बुद्धि परीक्षणों द्वारा मापी जाती है।

स्टैनफोर्ड बिने, बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण (Standford Binet, Binet-Simon Intelligence test) -

अलफ्रेड बिने (Alfred Binet) तथा थियोडोर साइमन (Theodore Simon) ने 1905 में फ्रांस के मानसिक दुर्बल बच्चों की पहचान (identification) के लिए एक बुद्धि परीक्षण का निर्माण किया गया, जिसे बिने-साइमन मापनी के नाम से पुकारा गया। इस परीक्षण में कुल 30 एकांश ( items) थे जिनके द्वारा मूलतः बच्चों में भाषा का प्रयोग, चिन्तन एवं बोध (comprehensive) आदि का मापन होता था। ये सभी एकांश बढ़ते हुए क्रम में सुसज्जित थे। यह एक वैज्ञानिक बुद्धि परीक्षण (individually administered intelligence test)।

इसका प्रथम संशोधन 1908 में किया गया। इस संशोधन की मुख्य विशेषता यह थी कि इसमें कुछ नये एकांशों को जोड़ा गया तथा कुछ असंतोषजनक पुराने एकांशों को हटा दिया गया। 1908 के संशोधन के बाद परीक्षण में एकांशों की संख्या बढ़कर 58 हो गयी। इस परीक्षण का अंग्रेजी रूपान्तर गोडार्ड (Goddard) द्वारा 1911 में अमेरिका में किया गया। इसका उपयोग मानसिक रूप से कमजोर बच्चों की पहचान के लिए किया गया।

इस परीक्षण का सबसे महत्वपूर्ण संशोधन एल. एम. टरमैन (L.M. terman) द्वारा 1916 में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में किया गया। इस संशोधन की प्रमुख विशेषता यह थी कि इसमें बुद्धिलब्धि (intelligence quotient of I. Q.) के संप्रत्यय का पहली बार समावेश किया गया तथा साथ ही साथ इस परीक्षण के मानकीकरण तथा वैधता (validity) को और अधिक उन्नत बना दिया गया।

स्टैनफोर्ड बिने मापनी का तीसरा संशोधन 1960 में टरमैन तथा मैरिन द्वारा ही किया गया ओर इसके द्वारा 2 साल के बच्चों से लेकर 22 वर्ष 11 महीना तक के वयस्कों की बुद्धि मापने का दावा किया गया। इस परीक्षण का चौथा संशोधन 1986 में किया गया। इस संशोधन में स्टैनफोर्ड बिने मापनी को और अधिक सर्वोत्कृष्ट बना दिया।

स्टैनफोर्ड बिने मापनी का संशोधन वर्ष
(Revision Years of Standford-Binet Scale)

 

प्रथम संशोधन - 1916
द्वितीय संशोधन - 1937
तृतीय संशोधन - 1960
चतुर्थ संशोधन - 1986

स्टैनफोर्ड बिने मापनी की कई प्रमुख विशेषताएँ हैं जो निम्नलिखित हैं-

(i) इस परीक्षण में 15 अनुच्छेद (sections) हैं जिनमें से 11 अनुच्छेद में शाब्दिक परीक्षणों (verbal tests) को रखा गया है जिसके माध्यम से परिमाणात्मक चिन्तन (quantitative reasoning), लघुकालीन स्मृति (short-term memory) आदि का मापन होता है।

(ii) पहली बार इस संशोधन में परीक्षण के विभिन्न अनुच्छेदों को बुद्धि के महत्वपूर्ण सिद्धान्तों पर आधारित किया गया। इस संशोधित परीक्षण के सैद्धान्तिक मॉडल' (theoretical model) के तीन स्तर ( level) बनाए गए हैं। पहले स्तर ( level I) पर स्पीयरमैन के g-कारक को रखा गया है। दूसरे स्तर (level II) को काफी कुछ कैटेल के सिद्धान्त के अनुसार तीन भागों में बाँटा गया है ठोस क्षमता (Crystallized abilities), तरल या विश्लेषणात्मक क्षमता (Fluid or analytical abilities) तथा लघुकालीन स्मृति (short-term memory) तथा तीसरे स्तर ( level III) पर ठोस क्षमता को दो भागों में बाँटा गया है शाब्दिक चिन्तन (verbal reasoning) तथा परिमाणात्मक चिन्तन (quantitative thinking)। अन्त में प्रत्येक ऐसे क्षमता को मापने के लिए परीक्षणों के एकांशों को एक खास ढंग से संबंधित किया गया है।

(iii) परीक्षण में संशोधन करके मानसिक आयु के संप्रत्यय को हटा दिया गया और बुद्धि लब्धि (intelligence quotient) के संप्रत्यय को एक नया संप्रत्यय ( concept) यानी मानक आयु प्राप्तांक (standard age score या SAS) द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है। SAS का निर्धारण प्रत्येक उपपरीक्षण पर व्यक्ति के निष्पादन ( Performance) की तुलना में उसी आयु समूह के व्यक्तियों के निष्पादन से करके की जाती है।

(iv) इस संशोधित परीक्षण का प्रत्येक उपपरीक्षण में खुले प्रश्न (Open-ended questions) या कार्य होते हैं जो सिलसिलेवार ढंग से ( progressively) कठिन होते हैं। इस परीक्षण के तीन उपपरीक्षण अर्थात् शब्दावली परीक्षण, बोध परीक्षण तथा नकल परीक्षण (copying test) से सम्बन्धित प्रश्न होते हैं।

स्टैनफोर्ड बिने मापनी (Stanford Binet Scale 1986) द्वारा 2 साल के बच्चों से लेकर 33 साल के वयस्कों तक की बुद्धि का मापन होता है। कम उम्र के बच्चों के ( 2 साल से 6 साल तक) लिए चार चार महीने का अन्तराल देकर मानक (norms) तैयार किए गए हैं 6 साल से 12 साल के बच्चों के लिए 6-6 महीने का अंतराल देकर मानक तैयार किए गए हैं। 12 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए 11 वर्ष का अन्तराल, तथा 18 से 23 साल के वयस्कों के लिए 5-5 साल का अन्तराल तथा 23 से 33 साल के वयस्कों के लिए 10 साल का अन्तराल देकर मानक तैयार किया गया है। छोटे बच्चों के लिए कम ही समय का अन्तराल देकर इसलिए मानक तैयार किए जाते हैं क्योंकि इस अवस्था में संज्ञानात्मक विकास (Cognitive development) तेजी से होता है।

स्टैनफोर्ड बिने का मूल्यांकन
(Evaluation of Stanford-Binet)

स्टैनफोर्ड-बिने परीक्षण के कुछ गुण (merits) तथा परिसीमाएँ ( limitations) हैं जिन पर मनोवैज्ञानिकों ने बल डाला है। इसके प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं।

(i) स्टैनफोर्ड-बिने परीक्षण का वर्तमान प्रारूप द्वारा मौलिक परीक्षण में प्रस्तावित बुद्धि के मूल अर्थ को परिवर्तित नहीं किया गया है मौलिक परीक्षण के दोनों गुणों अर्थात बुद्धि को चिन्तन (reasoning) बोध (comprehension) तथा निर्णय (judgement) के रूप में परिभाषित करना एवं बुद्धि का आयु संदर्भीय मापन (age-referenced measurement) को स्टैनफोर्ड बिने परीक्षण 1986 द्वारा कायम रखा गया।

(ii) इस परीक्षण द्वारा बच्चों एवं वयस्कों दोनों की बुद्धि की माप होती है।

 

(iii) अनेक अध्ययनों से यह स्थापित हो चुका हैं कि स्टैनफोर्ड बिने परीक्षण एक विश्वसनीय (reliable) तथा वैध (valid) परीक्षण है इस परीक्षण की वैधता 40 से 75% तक की है।

परिसीमाएँ - स्टैनफोर्ड बिने की कुछ परिसीमाएँ भी हैं जिनमें निम्नलिखित प्रमुख हैं -

(i) 2.5 वर्ष से 5.5 वर्ष के बच्चों की बुद्धिमापन के लिए इस परीक्षण को कुछ लोगों ने अधिक विश्वसनीय नहीं पाया है।

(ii) उसी तरह से कुछ मनोवैज्ञानिकों का मत है कि वैसे बच्चे जिनकी बुद्धिलब्धि 140 या इससे भी अधिक है, इसके लिए भी यह परीक्षण अधिक विश्वसनीय नहीं है।

(iii) इस परीक्षण में बुद्धि के शाब्दिक पहलुओं पर सर्वाधिक बल डाला गया है तथा क्रियात्मक पहलू की उपेक्षा की गयी है।

निम्न परिसीमाओं के बावजूद स्टैनफोर्ड बिने मापनी की लोकप्रियता काफी अधिक है। इसका भारतीय अनुकूलन एस. के. कुलश्रेष्ठ (S. K. Kulshresth) द्वारा किया जाता है।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

    अनुक्रम

  1. प्रश्न- मापन के प्रमुख कार्यों का उल्लेख कीजिए।
  2. प्रश्न- मापनी से आपका क्या तात्पर्य है? मापनी की प्रमुख विधियों का उल्लेख कीजिये।
  3. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन के विभिन्न स्तरों का वर्णन कीजिये।
  4. प्रश्न- मापन का अर्थ एवं परिभाषा बताते हुए इसकी प्रमुख समस्याओं का उल्लेख कीजिए।'
  5. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन को स्पष्ट करते हुए मापन के गुणों का उल्लेख कीजिए तथा मनोवैज्ञानिक मापन एवं भौतिक मापन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  6. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  7. प्रश्न- मापन की जीवन में नितान्त आवश्यकता है, इस कथन की पुष्टि कीजिए।
  8. प्रश्न- मापन के महत्व पर अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
  9. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  10. उत्तरमाला
  11. प्रश्न- मनोविज्ञान को विज्ञान के रूप में कैसे परिभाषित कर सकते है? स्पष्ट कीजिए।
  12. प्रश्न- प्रायोगिक विधि को परिभाषित कीजिए तथा इसके सोपानों का वर्णन कीजिए।
  13. प्रश्न- सह-सम्बन्ध से आप क्या समझते हैं? सह-सम्बन्ध के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  14. प्रश्न- अवलोकन किसे कहते हैं? अवलोकन का अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा अवलोकन पद्धति की विशेषताएँ बताइए।
  15. प्रश्न- अवलोकन के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
  16. प्रश्न- चरों के प्रकार तथा चरों के रूपों का आपस में सम्बन्ध बताते हुए चरों के नियंत्रण पर प्रकाश डालिए।
  17. प्रश्न- परिकल्पना या उपकल्पना से आप क्या समझते हैं? परिकल्पना कितने प्रकार की होती है।
  18. प्रश्न- जनसंख्या की परिभाषा दीजिए। इसके प्रकारों का विवेचन कीजिए।
  19. प्रश्न- वैज्ञानिक प्रतिदर्श की विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।
  20. प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक के निर्धारक बताइये तथा इसका महत्व बताइये।
  21. प्रश्न- उपकल्पनाएँ कितनी प्रकार की होती हैं?
  22. प्रश्न- अवलोकन का महत्व बताइए।
  23. प्रश्न- पक्षपात पूर्ण प्रतिदर्श क्या है? इसके क्या कारण होते हैं?
  24. प्रश्न- प्रतिदर्श या प्रतिचयन के उद्देश्य बताइये।
  25. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  26. उत्तरमाला
  27. प्रश्न- वर्णनात्मक सांख्यिकीय से आप क्या समझते हैं? इस विधि का व्यवहारिक जीवन में क्या महत्व है? समझाइए।
  28. प्रश्न- मध्यमान से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोषों तथा उपयोग की विवेचना कीजिये।
  29. प्रश्न- मध्यांक की परिभाषा दीजिये। इसके गुण-दोषों की विवेचना कीजिये।
  30. प्रश्न- बहुलांक से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोष तथा उपयोग की विवेचना करें।
  31. प्रश्न- चतुर्थांक विचलन से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोषों की व्याख्या करें।
  32. प्रश्न- मानक विचलन से आप क्या समझते है? मानक विचलन की गणना के सोपान बताइए।
  33. प्रश्न- रेखाचित्र के अर्थ को स्पष्ट करते हुए उसके महत्व, सीमाएँ एवं विशेषताओं का भी उल्लेख कीजिए।
  34. प्रश्न- आवृत्ति बहुभुज के अर्थ को स्पष्ट करते हुए रेखाचित्र की सहायता से इसके महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  35. प्रश्न- संचयी प्रतिशत वक्र या तोरण किसे कहते हैं? इससे क्या लाभ है? उदाहरण की सहायता से इसकी पद रचना समझाइए।
  36. प्रश्न- केन्द्रीय प्रवृत्ति के माप से क्या समझते हैं?
  37. प्रश्न- केन्द्रीय प्रवृत्ति के उद्देश्य बताइए।
  38. प्रश्न- मध्यांक की गणना कीजिए।
  39. प्रश्न- मध्यांक की गणना कीजिए।
  40. प्रश्न- विचलनशीलता का अर्थ बताइए।
  41. प्रश्न- प्रसार से आप क्या समझते हैं?
  42. प्रश्न- प्रसरण से आप क्या समझते हैं?
  43. प्रश्न- विचलन गुणांक की संक्षिप्त व्याख्या करें।
  44. प्रश्न- आवृत्ति बहुभुज और स्तम्भाकृति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  45. प्रश्न- तोरण वक्र और संचयी आवृत्ति वक्र में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  46. प्रश्न- स्तम्भाकृति (Histogram) और स्तम्भ रेखाचित्र (Bar Diagram) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  47. प्रश्न- स्तम्भ रेखाचित्र (Bar Diagram) किसे कहते हैं?
  48. प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के मध्यांक की गणना कीजिए।
  49. प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के बहुलांक की गणना कीजिए।
  50. प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के मध्यमान की गणना कीजिए।
  51. प्रश्न- निम्न आँकड़ों से माध्यिका ज्ञात कीजिए :
  52. प्रश्न- निम्नलिखित आँकड़ों का मध्यमान ज्ञात कीजिए :
  53. प्रश्न- अग्रलिखित आँकड़ों से मध्यमान ज्ञात कीजिए।
  54. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  55. उत्तरमाला
  56. प्रश्न- सामान्य संभावना वक्र से क्या समझते हैं? इसके स्वरूप का वर्णन कीजिए।
  57. प्रश्न- कुकुदता से आप क्या समझते हैं? यह वैषम्य से कैसे भिन्न है?
  58. प्रश्न- सामान्य संभावना वक्र के उपयोग बताइये।
  59. प्रश्न- एक प्रसामान्य वितरण का मध्यमान 16 है तथा मानक विचलन 4 है। यह बताइये कि मध्य 75% केसेज किन सीमाओं के मध्य होंगे?
  60. प्रश्न- किसी वितरण से सम्बन्धित सूचनायें निम्नलिखित हैं :-माध्य = 11.35, प्रमाप विचलन = 3.03, N = 120 । वितरण में प्रसामान्यता की कल्पना करते हुए बताइये कि प्रप्तांक 9 तथा 17 के बीच कितने प्रतिशत केसेज पड़ते हैं?-
  61. प्रश्न- 'टी' परीक्षण क्या है? इसका प्रयोग हम क्यों करते हैं?
  62. प्रश्न- निम्नलिखित समूहों के आँकड़ों से टी-टेस्ट की गणना कीजिए और बताइये कि परिणाम अमान्य परिकल्पना का खण्डन करते हैं या नहीं -
  63. प्रश्न- सामान्य संभाव्यता वक्र की विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।
  64. प्रश्न- एक वितरण का मध्यमान 40 तथा SD 3.42 है। गणना के आधार पर बताइये कि 42 से 46 प्राप्तांक वाले विद्यार्थी कितने प्रतिशत होंगे?
  65. प्रश्न- प्रायिकता के प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
  66. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  67. उत्तरमाला
  68. प्रश्न- सह-सम्बन्ध से आप क्या समझते हैं? सह-सम्बन्ध के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  69. प्रश्न- सह-सम्बन्ध की गणना विधियों का वर्णन कीजिए। कोटि अंतर विधि का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
  70. प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक गणना की प्रोडक्ट मोमेन्ट विधियों का वर्णन कीजिए। कल्पित मध्यमान विधि का उदाहरण देकर वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- उदाहरण की सहायता से वास्तविक मध्यमान विधि की व्याख्या कीजिए।
  72. प्रश्न- काई वर्ग परीक्षण किसे कहते हैं?
  73. प्रश्न- सह-सम्बन्ध की दिशाएँ बताइये।
  74. प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक के निर्धारक बताइये तथा इसका महत्व बताइये।
  75. प्रश्न- जब ED2 = 36 है तथा N = 10 है तो स्पीयरमैन कोटि अंतर विधि से सह-सम्बन्ध निकालिये।
  76. प्रश्न- सह सम्बन्ध गुणांक का अर्थ क्या है?
  77. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  78. उत्तरमाला
  79. प्रश्न- परीक्षण से आप क्या समझते हैं? परीक्षण की विशेषताओं एवं प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  80. प्रश्न- परीक्षण रचना के सामान्य सिद्धान्तों, विशेषताओं तथा चरणों का वर्णन कीजिये।
  81. प्रश्न- किसी परीक्षण की विश्वसनीयता से आप क्या समझते हैं? विश्वसनीयता ज्ञात करने की विधियों का वर्णन कीजिये।
  82. प्रश्न- किसी परीक्षण की वैधता से आप क्या समझते हैं? वैधता ज्ञात करने की विधियों का वर्णन कीजिये।
  83. प्रश्न- पद विश्लेषण से आप क्या समझते हैं? पद विश्लेषण के क्या उद्देश्य हैं? इसकी प्रक्रिया पर प्रकाश डालिये।
  84. प्रश्न- किसी परीक्षण की विश्वसनीयता किन रूपों में मापी जाती है? विश्वसनीयता को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिये।
  85. प्रश्न- "किसी कसौटी के साथ परीक्षण का सहसम्बन्ध ही वैधता है।" इस कथन की व्याख्या कीजिए।
  86. प्रश्न- मानकीकरण से आप क्या समझते हैं? इनकी क्या विशेषतायें हैं? मानकीकरण की प्रक्रिया विधि की विवेचना कीजिये।
  87. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन एवं मनोवैज्ञानिक परीक्षण में अन्तर बताइए।
  88. प्रश्न- परीक्षण फलांकों (Test Scores) की व्याख्या से क्या तात्पर्य है?
  89. प्रश्न- परीक्षण के प्रकार बताइये।
  90. प्रश्न- पद विश्लेषण की समस्याएँ बताइये।
  91. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  92. उत्तरमाला
  93. प्रश्न- बुद्धि के अर्थ को स्पष्ट करते हुए बुद्धि के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
  94. प्रश्न- बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण का सविस्तार वर्णन कीजिए।
  95. प्रश्न- वेक्सलर बुद्धि मापनी का सविस्तार वर्णन कीजिए।
  96. प्रश्न- वेक्सलर द्वारा निर्मित बच्चों की बुद्धि मापने के लिए किन-किन मापनियों का निर्माण किया गया है? व्याख्या कीजिए।
  97. प्रश्न- कैटेल द्वारा प्रतिपादित सांस्कृतिक मुक्त परीक्षण की व्याख्या कीजिए।
  98. प्रश्न- आयु- मापदण्ड (Age Scale) एवं बिन्दु - मापदण्ड (Point Scale) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  99. प्रश्न- बुद्धि लब्धि को कैसे ज्ञात किया जाता है?
  100. प्रश्न- बुद्धि और अभिक्षमता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  101. प्रश्न- वेक्सलर मापनियों के नैदानिक उपयोग की व्याख्या कीजिए।
  102. प्रश्न- वेक्सलर मापनी की मूल्यांकित व्याख्या कीजिए।
  103. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  104. उत्तरमाला
  105. प्रश्न- व्यक्तिगत आविष्कारिका क्या है? कैटेल द्वारा प्रतिपादित सोलह ( 16 P. F) व्यक्तित्व-कारक प्रश्नावली व्यक्तित्व मापन में किस प्रकार सहायक है?
  106. प्रश्न- प्रक्षेपण विधियाँ क्या हैं? यह किस प्रकार व्यक्तित्व माप में सहायक हैं?
  107. प्रश्न- प्रेक्षणात्मक विधियाँ (Observational methods) किसे कहते हैं?
  108. प्रश्न- व्यक्तित्व मापन में किन-किन विधियों का प्रयोग मुख्य रूप से किया जाता है?
  109. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  110. उत्तरमाला

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book